Communication क्या है
Definition(परिभाषा)
Communication (संचार) का अर्थ हैं Information’s का आदान प्रदान करने से हैं.
लेकिन ये Information तब तक उपयोगी नहीं हो सकती जब तक कि इन Information’s का आदान प्रदान न हो.
Communication इन सूचनाओं को उपयोगी बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
IT में संचार के उपयोग
- हमारे पास Communication के सबसे प्रबल माध्यम में हमारी आवाज और Language है और इसके वाहक के रूप में पत्र, टेलीफोन, फैक्स, टेलीग्राम, मोबाइल तथा Internet इत्यादि हैं.
- Communication का उद्देश्य संदेशो तथा विचारो का आदान प्रदान है. सम्पूर्ण मानव सभ्यता इसी Communication पर आधारित है तथा इस Communication को तेज व सरल बनाने के लिए सूचना प्रोद्योगिकी का जन्म हुआ.
- Computer, मोबाइल, Internet सबका अविष्कार इसी Communication के लिए हुआ.
- Internet एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिसके द्वारा हम पूरी दुनिया में कही भी व किसी भी समय कम से कम समय व कम से कम खर्च में Information व विचारो का आदान प्रदान कर सकते हैं.
What is Internet (इंटरनेट क्या है)
Communication प्रक्रिया
- Communication का मुख्य उद्देश्य डाटा व Information का आदान प्रदान करना होता है. डाटा Communication से तात्पर्य दो समान या विभिन्न डिवाइसों के मध्य डाटा का आदान प्रदान से है अर्थात Communication करने के लिए हमारे पास समान डिवाइस होना आवश्यक है.
- डाटा Communication के प्रभाव को तीन मुख्य विशेषताओ द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है.
- Delivery – डिलीवरी से तात्पर्य डाटा को एक जगह से दुसरे जगह प्राप्त कराने से है.
- Accuracy – यह डाटा की गुणवत्ता या डाटा के सही होने को दर्शाता है.
- Timeliness – यह गुण डाटा के निश्चय समय में डिलीवर होने को दर्शाता है.
Components of Communication (संचार के तत्व)
- संचार के तत्व (Elements of Communication) विभिन्न तरीकों से संचार की प्रक्रिया को समझने में मदद करने वाले भाग होते हैं। संचार के तत्व मुख्य रूप से निम्नलिखित होते हैं:
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- प्रेषक (Sender): संचार की प्रक्रिया की शुरुआत करने वाला व्यक्ति या एकाधिक व्यक्तियों का समूह होता है, जो संदेश को भेजना चाहता है।
- संदेश (Message): संदेश या संदेशों का समूह उस सूचना को दर्शाता है जिसे प्रेरक द्वारा प्राप्तकर्ता को पहुंचाया जाना चाहता है। संदेश वाणी, लिखित, या अन्य साधनों के माध्यम से भेजा जा सकता है।
- माध्यम (Channel): संदेश को प्रेरक से प्राप्तकर्ता तक पहुंचाने का माध्यम, जैसे कि वाणी, इंटरनेट, पत्र, इत्यादि।
- प्राप्तकर्ता (Receiver): संदेश के ग्रहणकर्ता या संदेश के लक्ष्य तक पहुंचाने वाला व्यक्ति या एकाधिक व्यक्तियों का समूह होता है।
- नियम (Protocol) : नियमों का समूह जिसके माध्यम से मैसेज को कंट्रोल किया जाता है.
- प्रतिक्रिया (Feedback): जब प्राप्तकर्ता संदेश को समझता है और उसका प्रतिक्रिया देता है, तो यह प्रक्रिया अभिप्रेत्य कहलाती है। अभिप्रेत्य द्वारा प्राप्तकर्ता उत्तरदाता को ज्ञात करता है कि संदेश का सम्बन्ध कैसे बना और कैसे समझा गया।
ये तत्व संचार प्रक्रिया के समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और संचार की सफलता में महत्वपूर्ण होते हैं।
Types of Data Communication (डेटा संचार के प्रकार)
जैसा कि हम जानते हैं कि Data Communication वह Communication है जिसमें हम Data को एक Device से दूसरे Device पर Send या Recieve कर सकते हैं।
Data Communication को तीन प्रकारों में Divide किया गया है:
1. Simplex Communication
2. Half Duplex Communication
3. Full Duplex Communication
Simplex Communication
सिंपलेक्स संचार में, डेटा केवल एक दिशा में भेजा जाता है, Sender और Reciever में से केवल एक होता है।
सिंपलेक्स संचार के उदाहरण में टेलीविजन प्रसारण और कंप्यूटर कोड के लिए कीबोर्ड इनपुट शामिल हैं।
Half Duplex Communication
हाफ-डुप्लेक्स संचार में, डेटा को दोनों दिशाओं में भेजा जा सकता है,
लेकिन एक ही समय में नहीं। संचार चैनल Share किया जाता है और Device उनके क्रम में डेटा भेजते और प्राप्त करते हैं।
वॉकी-टॉकीज़ और सीबी रेडियो उन्हीं हाफ-डुप्लेक्स संचार प्रणालियों के उदाहरण हैं।
Full Duplex Communication
फुल-डुप्लेक्स संचार में, डेटा को दोनों दिशाओं में एक साथ भेजा जा सकता है।
प्रत्येक Device के पास डेटा भेजने और प्राप्त करने के लिए विशेष चैनल होते हैं जो अधिक तेजी और अधिक दक्षता के संचार को संभव बनाता है।
इथरनेट नेटवर्क्स और Separate Voice चैनल का उपयोग करके टेलीफोन बातचीत इसके उदाहरण हैं।
Conclusion (निष्कर्ष)
उम्मीद है आपको ये जानकारी अच्छे से समझ आ गई होगी. यदि आपको किसी प्रकार की कोई समस्या है तो आप मुझे फीडबैक दे सकते है.